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Thursday, 26 January 2023

भारतभूषण अग्रवाल - प्रयोगवाद के प्रमुख कवि

 


भारतभूषण अग्रवाल का जन्म सथुरा में तुलसी जयंती के दिन हुआ।  उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एम. ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की और बाद में दिल्ली विश्व-विद्यालय से पी.एच.डू का उपाधि प्राप्त की। आजीविका के लिए उन्होंने रुचि के अनेक कार्य किए। सर्वप्रथम उन्होंने समाज सेवक पत्रिका (कलकत्ता से प्रकाशित) का संपादन किया।  1942 से 1947 ई तक उद्योग व्यवस्था में उच्च पदस्थ कर्मचारी के रूप में हाथरस के एक मिल में कार्य किया। अज्ञेय द्वारा संपादित त्रैमासिक प्रतीक (इलहाबाद) के संपादन विभाग में कार्य  करने के बाद आकाशवाणी के प्रयाग, लखनऊ, भोपाल और नई दिल्ली केन्द्रों पर पहले स्क्रिप्ट-लेखन और बाद में कार्यक्रम-अधिकारी और साहित्य अकादमी में सहायक सचिव के पद पर 1960 से 1974 तक कार्य किया। उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में अपने निधन से पूर्व कुछ समय के लिए फैलो रहे।  उनका निधन 23 जून 1975 ई. को शिमला में हुआ॥

भारतभूषण अग्रवाल प्रथमतः कवि थे, किंतु उन्होंने नाटक, उपन्यास, निबंध, आलोचना, बालसाहित्य आदि गद्य का विधाओं मे लिखकर अपनी प्रतिभा को प्रमाणित किया।  वे प्रयोगवाद के प्रमुख कवि थे। उन्होंने अपने व्यंग्य और हास्य से परिपूर्ण मुक्तक लिखकर  हिन्दी के काव्य-साहित्य को एक नई विधा दी। मौलिक लेखन के अलावा रवीन्द्रनाथ ठाकुर के नाटकों और कविताओं का सुन्दर अनुवाद करके अपनी अनुवादकला का सहज परिचय दिया। उनकी प्रमुख रचनाओं मे छवि के बंधन, जागते रहो, तारसप्तक, सहयोगी संकलन, मुक्तिमार्ग, ओ अप्रस्तुत मन, कागज के फूल, अनुपस्थित लोग, एक उठा हुआ हाथ आदि प्रमुख हैं॥


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