संज्ञा या सर्वनाम को वाक्य
से जोडने वाला है - कारक।
जैसे - राम को फल दो।
घडी
दीवार पर है।
हिन्दी में आठ कारक होते
हैं।
कारक विभक्ति चिन्ह
कर्ता कारक ने
कर्म कारक को
करण कारक से
संप्रदान कारक को, के लिए
अपादान कारक से
संबंध कारक को, के, की
अधिकरण कारक में, पे, पर
संबोधन कारक हे ! अरे !
कर्ता कारक (ने)
क्रिया को करने वाला कर्ता।
भूतकाल में ऐसा प्रयोग होता है जैसा - राम ने पाठ पढा।
कर्म कारक (को)
जहाँ क्रिया का फल पडता है
वह कर्म कारक है।
जैसा - राम ने रावण को मारा।
करण कारक (से)
जिस से कर्ता कार्य करता है
वह करण कारक है।
जैसे - राजू कलम से लिखता
है।
संप्रदान कारक (को, के लिए)
कुछ देने या करने का पता
चलता है वह संप्रदान कारक है।
जैसे - यह पुस्तक राम को दो।
पीने के लिए पानी दो।
अपादान कारक (से)
जहाँ पृथकता का पता चलता है
वह अपादान कारक है।
जैसे - बच्चे स्कूल से आते
है।
संबंध कारक (का, के, की)
एक से दूसरे वस्तु का संबंध
पता चलता है वह संबंध कारक ।
जैसे - राम की बेटी।
अधिकरण कारक (में, पे, पर)
जहाँ क्रिया का आधार है वह
अधिकरण कारक है।
जैसे - दीवार पर घडी है।
संबोधन कारक (हे ! अरे !)
किसी को संबोधित करने,
संबोधन कारक का प्रयोग होता है।
जैसे - हे राम !
अरे बच्चों !
री बुढिया !
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