INDIAN TOP BLOG DIRECTORY 2024

top Indian blogs

Monday, 28 June 2021

शिक्षा में यात्रा का महत्त्व

 


 

शिक्षा प्राप्त करने के दो उपाय हैं। 1) हम जिस वस्तु के संबन्ध में ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं, स्वयं जाकर देखें और 2) अनुभवशालियों से लिखी हुई पुस्तकों को पढें। परन्तु केवल पुस्तकों को पढने मात्र से हमारा ज्ञान न तो पूर्ण हो सकता है और न सन्तोष ही हो पाता है। इसलिए यात्रा करके प्राप्त ज्ञान के अनुसार शिक्षा पाना ही बेहतर है।

केवल एक स्थान से दूसरे स्थान तक भटकते रहना यात्रा नहीं कहला सकती। यात्रा करते समय कोई स्पष्ट लक्ष्य होना चाहिए। यही लक्ष्य यात्रा का मूल-मन्त्र है। चाहे हम किसी ऐतिहासिक स्थल पर जाते हों या विभिन्न स्थानों के निवासियों से मिलने जाते हैं, यदि कुछ-न-कुछ लक्ष्य हो तो वही यात्रा कही जा सकती है।

प्राचीनकाल में आज के जैसे न तो द्रुतगामी वाहन थे और न सुरक्षा थी। यात्रा में अधिक समय लगता था। फिर भी मार्कोपोलो, फाहियान, ह्वेन्सेङ्ग, अलबेरुनी-जैसे यात्रियों ने हजारों मील की यात्रा करके दूर-दूर के देशों की जानकारी पर जिन पुस्तकों की रचना की है, वे आज भी इतिहास में अमर हैं।

पुस्तकों से हम जो कुछ पढते हैं, वे हमारे लिए उपयोगी रहते हैं। वन, जंगली जानवरों, मरुभूमियों, हिमाच्छादित पर्वत-शिखरों और ध्रुव-प्रदेशों के बारे में हम पुस्तकों में पढते हैं, लेकिन हमें उतनी अनुभूति नहीं होती, जितनी आँखों से मिलती है।

यात्रा करते समय हमें आस-पास की परिस्थितियों को भली-भाँति देखना, समझना और हृदयंगम कर लेना चाहिए। किसी नगर या देश जाते हों तो वहाँ के निवासियों की वेश-भूषा, खान-पान, रहन-सहन, रीति-रिवाज, कला-कौशल, प्राकृतिक दृश्य आदि पर पूरी दृष्टि रखनी चाहिए।

यात्रा से हमें एसा उदार दृष्टकोण प्राप्त होतो है, जो मनुष्य के जीवन को सुखी एवं संतुष्ट बनाता है। यात्रा स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक समझी जाती है। मनुष्य व्यापारिक लाभ उठा सकता है। वह बुराइयों को छोडकर सच्छाइयों को अपना सकता है। यात्रा से हमारे मन में आगे बढने का उत्साह प्राप्त होता है।

यात्रा को शिक्षा का एक आवश्यक अंग समझा जाना चाहिए। केवल किताबी शिक्षा पूरी शिक्षा नहीं समझी जा सकती। शैक्षिक यात्राओं से विद्यार्थीगण अनेक जातियों, समूहों, वर्गों या दंशों के संपर्क में आ सकते हैं और उनके अच्छे प्रभावों के असर से विद्यार्थियों की विचारधारा व्यापक हो जाती है। सरकार भी शैक्षिक यात्रा के महत्त्व को समझकर, उसपर जोर दे रही है।

किसी भी देश की उन्नति की आधारशिला है - "शिक्षा"। अनुभवपूर्ण शिक्षा ही ज्ञान प्रदान कर सकती है और प्रतियोगिता की भावना उत्पन्न कर सकती है। इसी कारण भारतवासियों ने तीर्थयात्रा को धार्मिक रूप दे दिया है। हम भी लक्ष्य के साथ यात्रा करें और लाभ उठायें।




No comments:

Post a Comment

TRENDING COFFEE SHOPS IN CHENNAI

       Before getting into the main topic of this blog post, TRENDING COFFEE SHOPS IN CHENNAI, let's see the need and purpose of a cof...