INDIAN TOP BLOG DIRECTORY 2024

top Indian blogs

Saturday, 29 May 2021

क्रिया के विभिन्न भेद


जिस शब्द से व्यापार होतो हो, उसे क्रिया कहते है।  कर्म के अनुसार क्रिया के दो भेद है।

1) अकर्मक क्रिया - जिस क्रिया का कोई कर्म नही होता, वह अकर्मक क्रिया कहलाता है।

    जैसे, राम हँसता है। सीता जाती है।   

 2) सकर्मक क्रिया - जिस क्रिया का कर्म  होता है, वह सकर्मक क्रिया कहलाता है।

     जैसे, राम पाठ पढता है। सीता गीत गाती है।

---------     ---------     ----------   ---------    --------   ----     -----------    -----------   -------   

बनावट की दृष्टि से क्रिया के दो भेद है। 

1) मूल क्रिया - जो दूसरी धातु से न बना हो, उसे मूल क्रिया कहते है। जैसे, आ, जा।

2) यौगिक क्रिया - जो दूसरी धातु से बनी हो, उसे यौगिक क्रिया कहते है। जैसे, पढा, लिखा।

यौगिक क्रिया के पाँच भेद है।

1) प्रेरणार्थक क्रिया - जो दूसरे को काम करने का प्रेरण देता है, वह प्रेरणार्थक क्रिया कहलाता है। 

    जैसे, पढ - पढा - पढवा।

2) नामधातु - संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों से बनी क्रिया, नामधातु कहलाती है। 

    जैसे, हाथ से हथियाना। लाज से लजाना।

3) सहायक क्रिया - जो क्रिया सहायक बनता है, वह सहायक क्रिया कहलाता है।

4) संयुक्त क्रिया - दो या तीन धातुओं से जो क्रिया बनती है उसे संयुक्त क्रिया कहते है।

    जैसे, तीर निकल चुका। वह खेलना चाहता है।

5) अनुकरणवाचक - ध्वनि या दृश्य से जो क्रिया बनता है, वह अनुकरणवाचक क्रिया कहलाता है।

    जैसे, खटखटाना, चमचमाना।

----   ------  -----   -------    -------    --------------               -----------------                     ------------

कर्ता, कर्म और भाव की दृष्टि से क्रिया के तीन भेद है।

1) कर्तृवाच्य - वाक्य में कर्ता मुख्य हो तो वह कर्तृवाच्य कहलाता है।

    जैसे, राम कविता लिखता है। सीता फल खाती है।

2) कर्मवाच्य - वाक्य में कर्म की मुख्यता हो तो वह कर्मवाच्य कहलाता है।

    जैसे, राम से कविता लिखी जाती है। सीता से फल खाया जाता है।

3) भाववाच्य - वाक्य में भाव की मुख्यता हो तो वह भाववाच्य कहलाता है।

    जैसे, मुझ से बैठा न गया। बूढी से दौडा न गया।


No comments:

Post a Comment

WHEN COOKBOOK PICTURES STEAL THE JOY OF COOKING

  “Cookbook photos promise perfection, but forget to mention the burnt edges, the second tries, and the learning in the mess.” There’s s...