· नागार्जुन का जन्म सन् 1911 ई. में बिहार प्रान्त के दरभंगा
जिले के तरौनी गाँव में हुआ था। उनका वास्तविक नाम वैद्यनाथ मिश्र था। नागार्जुन
संस्कृत, पाली, हिन्दी और मैथिली भाषाओं के अच्छे जानकार थे। सामाजिक जीवन की
हलचलों पर पैनी निगाह डालते रहने वाले इस कवि की कविताओं में भारतीय समाज का बाह्य
और आन्तरिक संघर्ष, उबाल, क्रोध, घृणा आदि मिलकर विसंगति और व्यंग का ऐसा चित्र प्रस्तुत
करता है, जो अन्यत्र दुर्लभ है। महँगाई, भूख, आकाल, शोषण, अत्याचार, लूटपाट,
भ्रष्टाचार, अभाव, असमानता, जाति प्रथा, आदि
इनके काव्य संसार के विषय रहे है ॥
उनकी
प्रमुख रचनाओं में - सतरंगे पंखो वाली, युगधारा, प्यासी पथरायी आँखे, तालाब की
मछलियाँ, भस्मांकुर, हजार - हजार बाँहों वाली, आदि काव्य ग्रन्थ तथा बलचनमा, बाबा
बटेसरनाथ, रतनाथ की चाची, नई पौध, वरुण के बेटे, दुःखमोचन, कुम्भीपाक और दमनिया का
बाबा, आदि प्रसिद्ध उपन्यास है ॥
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