INDIAN TOP BLOG DIRECTORY 2024

top Indian blogs

Wednesday, 14 September 2022

हिन्दी भाषा के कुछ मूल बातें

 



आज हिन्दी दिवस, आइए इस शुभ अवसर पर हिन्दी भाषा के कुछ मूल बातें जान लें।


 भाषा एक साधन है जिस से मनुष्य अपनी भावनाओं और विचारों को प्रकट करता है।

भाषा दो प्रकार के है - कथित भाषा और लिखित भाषा।

*कथित भाषा - जो बोला और सुना जाता है, वो कथित भाषा है। इसे मौखिक भाषा भी कहा जाता है।

*लिखित भाषा- जो लिखी और पढी जाती है, वो लिखित भाषा है।

 

वर्णमाला - हिन्दी में वर्णों के समूह को वर्णमाला कहते है।

वर्ण दो प्रकार के है - स्वर और व्यञ्जन।

 

व्याकरण एक शास्त्र है जिस से भाषा का शुद्ध रूप मिलता है।  व्याकरण तीन प्रकार के हैः- 1. वर्ण विचार, 2. शब्द विचार, 3. वाक्य विचार।

*वर्ण विचार - वर्णों की बनावट, उच्चारण आदि पर विचार किया जाता है।

*शब्द विचार- शब्दों कि उत्पत्ति, बनावट्, शब्दों के भेद पर विचार किया जाता है।

*वाक्य विचार - वाक्य रचना, उस के भेद और प्रयोगों पर विचार किया जाता है।

 

सार्थक-ध्वनि-समूह को शब्द कहते है। व्युत्पत्ति, बनावट, प्रयोग की दृष्टि से शब्दों का वर्गीकरण किया जाता है।


व्युपत्पत्ति की दृष्टि से शब्द के चार भेद है - 1. तत्सम, 2. तद्भव, 3. देशज और 4. विदेशी शब्द।

*तत्सम शब्द - संस्कृत से जो शब्द हिन्दी में प्रयुक्त होते है,      वे तत्सम शब्द कहलाते है। जैसे सूर्य, अग्नि।

*तद्भव शब्द- संस्कृत से जो शब्द थोडे परिवर्तन के बाद हिन्दी  में प्रयुक्त होते है, वे तत्भव शब्द कहलाते है। जैसे सूरज, आग।

*देशज शब्द - अन्य भारतीय भाषाओं से जो शब्द हिन्दी में प्रयुक्त होते है, वे देशज शब्द कहलाते है। जैसे लोटा, नीर, मीन।

*विदेशी शब्द- विदेशी भाषाओं से जो शब्द हिन्दी में प्रयुक्त होते है, वे विदेशी शब्द कहलाते है। जैसे पेंसिल, बादशाह।

 

रचना या बनावट की दृष्टि से शब्द के तीन भेद है - 1. रूढ शब्द, 2. यौगिक शब्द और 3. योगरूढ शब्द।

*रूढ शब्द - खंड न किये जाने वाले शब्द को रूढ शब्द कहलाते है। जैसे घर, पेड।

*यौगिक शब्द - दो या दो से अधिक शब्दों के योग से यौगिक शब्द बनते है। जैसे पुस्तकालय।

*योगरूढ शब्द- दो या दो से अधिक शब्दों के योग से योगरूढ शब्द बनते है। इनका अर्थ खंड शब्दों से अलग है। जैसे पंकज।


प्रयोग की दृष्टि से शब्द के दो प्रकार है - 1. विकारी शब्द, 2. अविकारी शब्द।

*विकारी शब्द - लिंग, वचन, काल या कारक के कारण से जो शब्द बदलते है, वे विकारी शब्द है। विकारी शब्द चार प्रकार के है 1. संज्ञा, 2. सर्वनाम, 3. विशेषण और 4. क्रिया।

*अविकारी शब्द - लिंग, वचन, काल या कारक के कारण से जो शब्द नही बदलते है, वे अविकारी शब्द है। अविकारी शब्द चार प्रकार के है 1. क्रिया विशेषण, 2. संबंध बोधक, 3. समुच्चय बोधक और 4. विस्मयादि बोधक।


No comments:

Post a Comment

TRENDING COFFEE SHOPS IN CHENNAI

       Before getting into the main topic of this blog post, TRENDING COFFEE SHOPS IN CHENNAI, let's see the need and purpose of a cof...