मनुष्य अपनी ज्ञान को बढाने
के लिए पुस्तकों की मदद लेते है।
सारी विद्या कण्ठस्थ करके
रखी जाती थी।
लकडी, ताड-पत्रों,
भोज-पत्रों और कागज पर लिखी जाती थी। बाद में पुस्तक छपाने लगे।
जहाँ कई विषयों पर, कई
भाषाओं में बहुत-सी पुस्तके संग्रहीत है, उसे पुस्तकालय कहते है।
पुस्तकालयों के खासकर चार
भेद माने जाते है। 1) निजी,
2) स्कूल या काँलेज के, 3)
सार्वजनिक और 4) चलते-फिरते पुस्तकालय।
अच्छी पुस्तकों के पढने से
हमारा ज्ञान बढता है। पुस्तकालयों की उपयोगिता अपार है।
इस युग में उपलब्ध होनेवाली
ई-लाइब्रेरी, वेबसाइट आदि से भी हम लाभ उठा सकते है।
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