INDIAN TOP BLOG DIRECTORY 2024

top Indian blogs

Saturday, 11 September 2021

हिमालय

 

 



राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित यह कविता हिमालय को संबोधित है।  कवि ने हिमालय को भारतीय पौरुष की एकाग्र आग अर्थात् ओज का प्रतीक माना है। कवि का अभिप्राय यह है कि भारत की जनता में हिमालय जैसी अटल शक्ति भरी पडी है, परंतु वह शांत रहकर विदेशियों के हमले सहती रहती है। कवि चाहते है कि यह विराट जनसमूह जागकर अपने स्वाभिमान की वीरतापूर्वक रक्षा करे। ओज और उद्बोधन से भरी यह कविता देशप्रेम की प्रेरणा जगाने में सक्षम है॥

यहाँ हिमालय एक पर्वत शृंखला मात्र नही, वरन भारतीय जनता की उस शक्ति का प्रतीक है, जो शांति के नाम पर सोयी हुई है। कवि राष्ट्रीय संकट के समय उसे क्रांति के लिए जगाना चाहता है॥

कवि हिमालय को संबोधित करते हुए कुछ सवाल पूछता है और अतः हे हिमालय! तू जाग उठ कहते है॥

http://kavitakosh.org/

No comments:

Post a Comment

YORK IN YORKSHIRE AND ITS TREASURE OF YUMMY CHOCOLATES

     York in Yorkshire Home of chocolates Is a place of charming coast.   Crowned Britain's Home of Chocolate, the most haunted ci...