INDIAN TOP BLOG DIRECTORY 2024

top Indian blogs

Saturday 24 July 2021

वनसंरक्षण - महत्त्व एवं उपयुक्तता

 


वन अमूल प्राकृतिक सम्पदा का कोष है। नैसर्गिक सुषमा का आगार है। जडी-बूटियों की खान है। पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। जलवायु को संतुलित रखने का केन्द्र-बिन्दु है। वन्य पशु-पक्षियों का प्यारा घर है वन। वन हमारी आँखों का सुख और जीवन है।।

वन और पर्यावरण का घनिष्ठ संबन्ध है। जलवायु को संतुलित रखने के लिए वनों का होना आत्यावश्यक है। तभी ठीक समय पर वर्षा हो सक्ती है। वन के वृक्ष पानी के व्यर्थ बहने से रोकते हैं। भूमि पर गिरे उनके पत्ते और फूल भूमि की नमी को बनाये रखते हैं और संतुलित जल प्रदान कर, भूमि की उर्वरा शक्ति बढाते है ।।

वन पर्यावरण प्रदूषण को रोकते है। ऑक्सीजन प्रदान कर, कार्बन-डै-ऑक्साइड को ग्रहण कर जीव-जन्तुओं को बचाते हैं। जल-प्रदूषण, ध्वनि-प्रदूषण और वायु-प्रदूषण को रोकते हैं। परमाणु ऊर्जा के खतरे को, अत्यधिक ताप को रोकने का सशक्त उपाय वनों के पास भरा रहता है। वास्तव में आजकल वन-विहीन जीवन की कल्पना ही नहीं का जा सकती।।

वनों से लकडी मिलती है। यह लकडी न केवल ईंधन के लिए काम आती है, अपितु  भवनों  की साज-सज्जा और मेज-कुरसी जैसी सामग्रियाँ बनाने के लिए भी काम आती है। वन-वृक्षों की छाल व पत्तियाँ जडी-बूटी का काम करती है। मधुमक्खियाँ मकरंद से शहद बनाती है, जिसका उपयोग दवाइयों में  तथा खाने के काम आता है। वन प्राकृतिक जल-स्रोत का भण्डार भी है।  इस प्रकार वन हमारे जीवन के लिए वरदान है।।

राष्ट्र को जलाभाव से बचाने के लिए वन-संरक्षण की आवश्यकता है। जलवायु में परिवर्तन रोकने, पर्यावरण को संतुलित रखने तथा वायु को प्रदूषण से अप्रभावित रखने के लिए वन-संरक्षण की आवश्यकता है। वन्य प्राणियों के जीवन तथा मानव जीवन को प्रदूषण से बचाने के लिए वन-संरक्षण की आवश्यकता है। शस्य श्यामला के लिए भूमि को बंजर होने से बचाने, भू-रक्षण, पर्वत स्खलन को रोकने तथा पर्यटकों को आकर्षित करने लिए वन-संरक्षण की आवश्यकता है।।

अंधाधुंध कटाई से भू-रक्षण तथा पर्वतों का स्खलन होता है। हरियाली घटती है। मरुस्थल का फैलाव होता है। वर्षा का प्रभाव कम होता है। इनको रोकने के लिए हमें पेड उगाने की शुरुआत करनी पडेगी। सरकार भी इस दिशा में प्रयासरत है। आगे के संसार को बचाने का पुण्य कार्य तभी संभव होगा, जब हम प्रकृति के नियमों का उल्लंघन न करें।।

वन-संरक्षण आजकल देश की आवश्यकता है। इसका काटना दंडनीय अपराध होना चाहिए। वन की वृद्धि न केवल मानव-जीवन के लिए लाभप्रद है, अपितु प्राणिमात्र के लिए हितकार है। इस दृष्टि से हरेक मनुष्य कर्तव्य है कि हम पेड उगाएँ और वन-संरक्षण में मददगार रहें।।

(This post is part of Blogchatter's Cause A Chatter)




https://www.theblogchatter.com/causeachatter

No comments:

Post a Comment

HOW TO MAKE SAVINGS AN ESSENTIAL PART OF YOUR LIFE

    EARN MONEY SAVE MONEY DON’T TELL THE SECRET TO ANYBODY These lines mean a lot to my family, as many of the elder members of th...