INDIAN TOP BLOG DIRECTORY 2024

top Indian blogs

Friday, 11 June 2021

मनुष्यता की पवित्रता

       

         पवित्र, पावन, पूज्य , ये सारे ऐसे शब्द है जो एक स्वच्छ, निष्कलङ्क, निर्मल वस्तु  या भावना का बोध करता है। इन्सान, इन्सानीयत के साथ या मनुष्य मनुष्यता के साथ व्यवहार करे तो उस से ज्यादा पावन और पवित्र क्या हो सक्ता है ?  अपने सहवासियों, पशु -पक्षियों और प्रकृति के साथ पूज्यरूप से पेश आये तो पृथ्वी पावन मय हो जाये गा। हिन्दी के महान् कवि श्री मैथिलीशरण गुप्त जी, मनुष्यता के बारे में एक कविता के माध्यम से सारे मानव जाती को संबोधित करते हैं।

1. मनुष्यता नामक कविता श्री मैथिलीशरण गुप्त जी की कविता है।

2. कवि इस कविता में हमें उदार बनने को उपदेश देते है।

3. जो मनुष्य दूसरे के लिए जीता है, वह कभी नही मरता।

4. दूसरों के लिए जीना-मरना मनुष्य का गुण है।

5. सरस्वती उदार मनुष्य का गुणगान करती है।

6. जो आदमी पूरी दुनिया को अपना प्यार देता है, वही मनुष्य है।

7. रतिदेव, दधीचि, राजा शिबि, वीर कर्ण ये सारे अपने उदार गुण के लिए प्रसिद्ध है।

8. बुद्ध दयालु थे। लोग उनकी वन्दना करते थे।

9. यह कविता सरल ओर सुबोध है।

10. मनुष्य को मनुष्य बने रहने का तरीका बताती है।

(This blog post is prepared for indiblogger's indispire)




No comments:

Post a Comment

HOW TO KEEP YOUR GMAIL STORAGE SPACE FREE - QUICK TIPS & SHORTCUTS

     Ever opened Gmail only to see that annoying “Storage Full” message? It’s like your digital wardrobe overflowing with clothes you neve...