Wednesday, 21 April 2021

पंचवटी की पाँच विशेषताएँ




आज श्रीरामनवमी के दिन आइए मैथिली शरण गुप्त जी की पञ्चवटी की पाँच विशेषताओं के बारे में जान लें :

1. कथा के ऐतिहासिक स्वरूप को बनाये रखते हुए कवि बडी चतुराई के साथ कुछ समकालीन मुद्दों को भी छूने में          सफल हुए है। यह इस खंडकाव्य की पहली विशेषता है। ( शूर्पणखा एक जगह कटाक्ष करती है कि पुरुषों ने शास्त्र     के नियम बनाकर पहले से ही अपने सारी सुविधाएँ सुरक्षित कर ली हैं। सीताजी बागवानी करते हुए खुरपी            लेकर अपनी खेती निराती हैं और हरित क्रांति और स्वावलंबन का आदर्श रखती है। लक्ष्मण निम्न समझी जानेवाली     जातियों के साथ समान व्यवहार करने की बात करते हैं।)

2. खण्डकाव्य का संबन्ध किसी महापुरुष से होता है। इस दृष्टिसे पंचवटी में कथानायक रामानुज लक्ष्मण है। यहाँ भी        कवि ने क्रांति कर दी है। यह  इस कृति की दूसरी विशेषता है।

3.खण्डकाव्य की तीसरी विशेषता यह है कि उसमें शांत, प्रेम और करुण रसों की ही प्रधानता होती है।

4. खण्डकाव्य की चौथी विशेषता यह है कि उसमें सादगी, सरलता और सरसता हो। उसकी भाषा-शैली और छंद में         सादगी हो। कथावस्तु में स्वाभाविकता और प्रवाह हो। ये सभी विशेषताएँ पंचवटी में मिलती हैं।

5. खण्डकाव्य की पाँचवी और सब से बडी विशेषता यह है कि इसके प्रकृति-चित्रण की मनोहारिता है।




No comments:

Post a Comment

BLOGPOST BASING ON BINGO CARD

      As part of a book review assignment, I tried making a reel for the first time—for Chetan Bhagat’s book 12 Years. I shared it on Instag...